Journey through the abyss
Poems and translations by Rishiraj
Monday, November 21, 2016
पुराना क़स्र
अब पुरानी दोस्ती की राह हम चलते नहीं
आस्तीनें भी नहीं हैं, साँप भी पलते नहीं
हर तरफ़ है बस अँधेरा इस पुराने क़स्र में,
अब चिराग़ों को जलाने पर भी वो जलते नहीं
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