मेरा माज़ी है इक हथियार मेरा
तमाचा मौत का हर वार मेरा
ज़माने को बदलने के लिए बस
काफ़ी है दिल-ए-बीमार मेरा
ज़रूरत तेरी होगी जिसको होगी
मुझे काफ़ी है ये अंगार मेरा
सिपाही हैं मेरे ये दोनों बाज़ू
ज़हन मेरा सिपहसालार मेरा
ये मेरी बातें हंसने को नहीं हैं
कि हर इक लफ़्ज़ है मुख़्तार मेरा
चला के उसको मुझपे देख ले क्या
बिगाड़ेगी तेरी तलवार मेरा
मेरे सर पर हैं बंदूकें ये सारी
फ़ैसला हो जाने क्या इस बार मेरा
तमाचा मौत का हर वार मेरा
ज़माने को बदलने के लिए बस
काफ़ी है दिल-ए-बीमार मेरा
ज़रूरत तेरी होगी जिसको होगी
मुझे काफ़ी है ये अंगार मेरा
सिपाही हैं मेरे ये दोनों बाज़ू
ज़हन मेरा सिपहसालार मेरा
ये मेरी बातें हंसने को नहीं हैं
कि हर इक लफ़्ज़ है मुख़्तार मेरा
चला के उसको मुझपे देख ले क्या
बिगाड़ेगी तेरी तलवार मेरा
मेरे सर पर हैं बंदूकें ये सारी
फ़ैसला हो जाने क्या इस बार मेरा
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