मुल्क का टूटे हुए इक आईने में अक्स है
मुल्क ये मेरा नहीं है, कातिलों का रक्स है
मुल्क मेरा खो गया उस रोज़ ताइवान में
लापता जब हो गए थे “बोस” आसमान में
मुल्क मेरा रो रहा है आपके मज़ाक पर
मुल्क के हिस्से हुए हैं “भगत सिंह” की ख़ाक पर
लुटी हुई आज़ाद गलियाँ कुछ ठगों का काम था
आज़ाद जो था दर असल “आज़ाद” उसका नाम था
चूड़ियाँ तुमको मुबारक साल के हर एक रोज़
कर लो आजादी की बातें साल में बस एक रोज़
मुल्क ये मेरा नहीं है, कातिलों का रक्स है
मुल्क मेरा खो गया उस रोज़ ताइवान में
लापता जब हो गए थे “बोस” आसमान में
मुल्क मेरा रो रहा है आपके मज़ाक पर
मुल्क के हिस्से हुए हैं “भगत सिंह” की ख़ाक पर
लुटी हुई आज़ाद गलियाँ कुछ ठगों का काम था
आज़ाद जो था दर असल “आज़ाद” उसका नाम था
चूड़ियाँ तुमको मुबारक साल के हर एक रोज़
कर लो आजादी की बातें साल में बस एक रोज़
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