ज़र्रे ज़र्रे में यहाँ पर सिर्फ़ कब्रिस्तान है
बाबा कहते हैं मेरे कि हर जगह शमशान है
चींटियाँ जातीं हैं हर जा और परिन्दे हर तरफ़
बस बशर को डर है उसका जो जगह सुनसान है
दिल में हिम्मत और ज़बाँ पे नाम उसका बस रहे
हर जगह है बा हिफ़ाज़त, हर सड़क आसान है
ख़ौफ़ है किस बात का जब मौत है अपनी हफ़ीज़
खौफ़ है किस बात का जब हर जगह वीरान है
डर है किस बाबत हमें जब सब है मिट्टी का बना
आज है और कल नहीं ये अपनी जो पहचान है
बाबा कहते हैं मेरे कि हर जगह शमशान है
चींटियाँ जातीं हैं हर जा और परिन्दे हर तरफ़
बस बशर को डर है उसका जो जगह सुनसान है
दिल में हिम्मत और ज़बाँ पे नाम उसका बस रहे
हर जगह है बा हिफ़ाज़त, हर सड़क आसान है
ख़ौफ़ है किस बात का जब मौत है अपनी हफ़ीज़
खौफ़ है किस बात का जब हर जगह वीरान है
डर है किस बाबत हमें जब सब है मिट्टी का बना
आज है और कल नहीं ये अपनी जो पहचान है
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