Monday, June 29, 2015

शंकर शंकर

चारों ओर है तेरा नारा
तू है अपना एक सहारा
दुनिया सारी एक समन्दर
नाम है तेरा एक किनारा
रूप भयंकर
पर अभयंकर
चारों ओर है
शंकर शंकर

तू है तो फिर और नहीं कुछ
मन है मन्दिर और नहीं कुछ
तेरे नाम के और सिवा क्या
सर है हाज़िर और नहीं कुछ
रूप भयंकर
पर अभयंकर
चारों ओर है
शंकर शंकर

हम पर रहमत काम है तेरा
आगाज़ो अंजाम है तेरा
अपने अकेलेपन का साथी
और नहीं बस नाम है तेरा
रूप भयंकर
पर अभयंकर
चारों ओर है
शंकर शंकर

ये फरियाद भी तू ही तू है
हमको याद भी तू ही तू है
तू है अपनी साँस का चलना
उसके बाद भी तू ही तू है
रूप भयंकर
पर अभयंकर
चारों ओर है
शंकर शंकर

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