हम सब मुरीद हो गए हैं इन्तज़ाम के
क्या ख़ूब बन्दोबस्त हैं ये क़त्ले आम के
है महफ़िले लईन पुर-अंदाज़ यहाँ पर
ख़ंजर चलेंगे अब यहाँ हर एक नाम के
अब रह गए हैं आप और ये आप की बातें
जाने कहाँ चले गए सब दोस्त काम के
है मौत ये किसकी जिसे तुम जश्न हो कहते
मानी हमें बताओ भी इस दौर ए जाम के
अब दिन की राह देखते ही बीतती है रात
दिखते हैं सहर में भी अब रंग शाम के
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