Sunday, April 24, 2016

दोस्ती

दोस्ती आह ओ फुगाँ से गुज़रेगी
कौन जाने अब कहाँ से गुज़रेगी

छोड़ दी हम ने अब गली तेरी
ख़ाक ही अब वहां से गुज़रेगी

ख़ौफ़ है हर तरफ़, जो है चर्चा
होके मौत कारवॉं से गुज़रेगी

हैं तेरे आज यहाँ क़स्र ओ महल
कल इक नदी यहाँ से गुज़रेगी

दुनिया ऐसी है दोस्त, जाने कब
ये जान अपनी जहॉँ से गुज़रेगी

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