तू क्या लगाता घात है
मुझपर अली का हाथ है
बुत सभी तेरी तरफ़
अल्लाह मेरे साथ है
मेरे साथ इस्मे मुर्तज़ा
इक ढाल सहरो रात है
अब्बास के परचम तले
महफ़ूज़ ये हयात है
इश्के हैदर है मुझे
जो बात है वो बात है
मुझपर अली का हाथ है
बुत सभी तेरी तरफ़
अल्लाह मेरे साथ है
मेरे साथ इस्मे मुर्तज़ा
इक ढाल सहरो रात है
अब्बास के परचम तले
महफ़ूज़ ये हयात है
इश्के हैदर है मुझे
जो बात है वो बात है
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