रूह ओ बदन सब जान ओ दिल, आसान फ़िदा कर जाते हैं
आते हैं कतारों में आशिक़ और जान फ़िदा कर जाते हैं
औरों को दवाएँ हैं सारी, वो नाम तुम्हारा लेते हैं
और नाम तुम्हारे पर अपनी पहचान फ़िदा कर जाते हैं
जो मौत का पहरा हो तो हो, आते हैं तुम्हारे दरवाज़े
जो भी फ़िदा हो करना फिर, इंसान फ़िदा कर जाते हैं
अरमान दिलों में लेकर सब, आते हैं तुम्हारी उल्फ़त का
और इश्क़ तुम्हारा पाकर सब, अरमान फ़िदा कर जाते हैं
आते हैं तुम्हारे दरवाज़े वो मिसकीं हों या सुलतां सब
बस शान तुम्हारी की ख़ातिर, हर शान फ़िदा कर जाते हैं
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