दिल को ख़ुद दिलबर से ख़तरा
घर को अब है घर से ख़तरा
सर ज़बान के ख़तरे में था
अब ज़बान को सर से ख़तरा
राह में खो जाना है बेहतर
राही को रहबर से ख़तरा
रात को सोना देख भाल के
चादर से, बिस्तर से ख़तरा
यारो दुश्मन क़ातिल सारे
नीचे और ऊपर से ख़तरा
घर जाएं या बाहर घूमें
अंदर से, बाहर से ख़तरा
रात की रात सफ़र है अपना
हमको नूरो सहर से ख़तरा
बशर बनाता मौत है अपनी
उसको अपने हुनर से ख़तरा
घर को अब है घर से ख़तरा
सर ज़बान के ख़तरे में था
अब ज़बान को सर से ख़तरा
राह में खो जाना है बेहतर
राही को रहबर से ख़तरा
रात को सोना देख भाल के
चादर से, बिस्तर से ख़तरा
यारो दुश्मन क़ातिल सारे
नीचे और ऊपर से ख़तरा
घर जाएं या बाहर घूमें
अंदर से, बाहर से ख़तरा
रात की रात सफ़र है अपना
हमको नूरो सहर से ख़तरा
बशर बनाता मौत है अपनी
उसको अपने हुनर से ख़तरा
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